देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और वायुसेना के एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने सोमवार को तंजावुर एयरबेस में पहले सुखोई-30MKI (Sukhoi-30MKI) को शामिल किया। इस मौके पर DRDO के चेयरमैन G Satheesh Reddy भी मौजूद थे। फाइटर एयरक्राफ्ट को वाटर सैल्यूट दिया गया।
रक्षा ताकतों में इजाफा करते हुए सोमवार को तंजावुर एयरबेस पर सुखोई का फाइटर एयरक्राफ्ट SU-30 MKI तैनात किया गया है। यह दक्षिण भारत में पहला एसयू -30 एमकेआई लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन है जो समुद्र में भी अहम भूमिका निभाएगा। SU-30 MKI में ब्रह्मोस सुपर सोनिक मिसाइलों को भी लगाया गया जो 300 किमी दूरी तक निशाना साध सकता है। नए नाम टाइगर शार्क वाला यह फाइटर एयरक्राफ्ट अपने साथ 2.5 टन के वजन वाला सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल को अपने साथ रखने में सक्षम है। चौथी पीढ़ी का यह सुखोई 12वां स्क्वाड्रन है।
तंजावुर एयरबेस पर भदौरिया ने कहा, ‘यह दक्षिणी वायु कमान का हिस्सा होगा। यह हमारी शक्ति में इजाफा है। यह मुख्य रूप से समुद्री भूमिका निभाएगा। इसके अलावा विमानों द्वारा किए जाने वाले तमाम अन्य आक्रामक और रक्षात्मक भूमिकाएं होंगी।’ उन्होंने कहा, ‘ब्रह्मोस मिसाइल के एयर लांच वर्जन को SU-30MKI फाइटर एयरक्राफ्ट में ब्रह्मोस एयरोस्पेस, HAL और वायुसेना द्वारा लगाया गया है।’ उन्होंने आगे बताया कि तंजावुर के लोकेशन को देखते हुए यहां Su-30 MKI की तैनाती सुनिश्चित की गई। SU-30 MKI को विशेष हथियार (BrahMos supersonic cruise missile) से लैस कर दिया गया है।
222 'टाइगर शार्क्स' फाइटर स्क्वाड्रन के तौर पर SU-30MKI फाइटर एयरक्राफ्ट के शामिल होने पर विशेष तरीके से सलामी दी गई। पानी से बौछार के साथ एयरक्राफ्ट का स्वागत हुआ।